यूनेस्‍को से सहयोग


अपनी स्थापना के समय से ही साहित्य अकादेमी पेरिस स्थित यूनेस्को के प्राच्य एवं पाश्चात्य सांस्कृतिक मूल्यों की पारस्परिक अनुशीलन संबंधी प्रमुख परियोजना के क्रियान्वयन में सक्रिय सहयोग देती रही है और विदेशों में भारतीय साहित्य की बेहतर जानकारी देने के उद्देश्य से विदेशी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से संपर्क संबंध बना रही है। समान रुचि के विषयों के संबंध में परामर्श देने के अतिरिक्त अकादेमी ने यूनेस्को के लिए निम्नांकित प्रकाशन तैयार कराए हैं :


सेलेक्शन फ्रॉम द आदि ग्रंथ : इस प्रकाशन के लिए आदि ग्रंथ से पदों का चुनाव और उनका अंग्रेजी अनुवाद विशिष्ट सिख विद्वानों की समितियों द्वारा किया गया है। ग्रंथ की भूमिका डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् ने लिखी है और यह ग्रंथ सेक्रेड राइटिंग्स ऑफ़ द सिख्स नाम से जार्ज एलेन एंड अनविन, लंदन द्वारा प्रकाशित किया गया।


कंबन रामायण का अयोध्याकांड : इसका अंग्रेजी में अनुवाद सी. राजगोपालाचारी और प्रकाशन जार्ज एलेन एंड अनविन ओर से साहित्य अकादेमी ने इसका दूसरा संस्करण सन् 1970 में प्रकाशित किया था। सन् 1981 में यह पुनर्मुद्रित हुआ।


ऑल मेन आर ब्रदर्स : महात्मा गाँधी की रचनाओं से यह चयन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की भूमिका के साथ स्वयं यूनेस्को ने ही प्रकाशित किया था। इसका एक अमेरिकी संस्करण भी प्रकाशित हो चुका है। नवजीवन ट्रस्ट, अहमदाबाद द्वारा उसका एक भारतीय संस्करण भी प्रकाशित किया जा चुका है। साहित्य अकादेमी ने इसके असमिया, बाङ्ला, कन्नड, मलयाळम्, ओ़डिया, सिन्धी, तमिऴ, तेलुगु और उर्दू अनुवाद प्रकाशित किए हैं। सन् 1969 में गाँधी जन्म शताब्दी के दौरान अकादेमी ने पश्चिम बंगाल सरकार के लिए इस ग्रंथ के बाङ्ला अनुवाद का अल्पमोली दूसरा संस्करण प्रकाशित किया था।


चेम्मीन : श्री तकष़ी शिवशंकर पिळळै का यह मलयाळम् उपन्यास सन् 1957 में साहित्य अकादेमी के पुरस्कार से सम्मानित हो चुका है। तदनंतर अकादेमी ने विदेशी भाषाओं में अनुवाद के लिए यूनेस्को से इस पुस्तक की अनुशंसा की थी। डॉ. वी. के. नारायण मेनोन द्वारा किया गया इसका अंग्रेजी अनुवाद हारपेर्स, अमेरिका और विक्टर गोलेंज लि., लंदन द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है। अन्य अनेक विदेशी भाषाओं में भी इसके अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं।


द पपेट्स टेल : साहित्य अकादेमी श्री माणिक बंद्योपाध्‍याय के पुुतुल नाचेर इतिकथा नामक प्रख्यात बाङ्ला उपन्यास का यूनेस्को के तत्त्वावधान में श्री एस. एल. घोष द्वारा किए गए अंग्रेजी अनुवाद का प्रकाशन उपर्युक्त नाम से कर चुकी है। इसके दो संस्करण साहित्य अकादेमी ने प्रकाशित किए हैं।


वाइल्ड बापू ऑफ़ गरंबी : साहित्य अकादेमी यूनेस्को के लिए श्री एस. एस. पेंडसे के प्रख्यात मराठी उपन्यास गरंबीचा बापू के श्री इआन रेसाइड द्वारा उपर्युक्त से किए गए अनुवाद का प्रकाशन कर चुकी है। इसका दूसरा संस्करण सन् 1981 में प्रकाशित हुआ।


पोएम्स ऑफ़ सुब्रह्मण्यम भारती : यह भूमिका तथा टिप्पणियों सहित प्रेमा नंदकुमार द्वारा किया गया अंग्रेजी पद्यानुवाद है। सुविख्‍यात तमिऴ कवि की रचनाओं के इस अंग्रेजी अनुवाद को साहित्य अकादेमी ने यूनेस्को के लिए प्रकाशित किया हैं


इसके अतिरिक्त यूनेस्को ने साहित्य अकादेमी के परामर्श पर निम्नांकित भारतीय गौरवग्रंथों के भी विदेशी संस्करण प्रकाशित किए हैं :


अंग्रेजी में अनूदित गौरवग्रंथ


संस्कृत से : कवि विल्हणकृत चौरपंचाशिका और भासकृत अविमारक (नाटक)। कालिदास की कृतियों के अंग्रेजी में दो खंड प्रकाशित किए जा चुके हैं।


बाङ्ला से : द मिरर ऑफ़ स्काई शीर्षक से बाङ्ला के बाउल गीत, बंकिमचंद्र का उपन्यास कृष्णकांतेर विल, ए टैगोर रीडर शीर्षक से रवीन्द्रनाथ ठाकुर की चुनी हुई रचनाएँ, सतीनाथ भादु़डी का उपन्यास जागरी, विभूतिभूषण बंद्योपाध्‍याय का उपन्यास पथेर पांचाली और माणिक बंद्योपाध्याय का उपन्यास पद्मानदीर माझी।


हिन्दी से : तुलसीदासकृत कवितावली और विनयपत्रिका (काव्य), प्रेमचंद कृत गोदान (उपन्यास) और प्रेमचंद की चुनी हुई कहानियाँ।


मैथिली से : विद्यापति की पदावली।


मराठी से : ज्ञानेश्‍वरी (खंड I-II )


उर्दू से : थ्री मुग़ल पोएट्स : मीर सौदा, मीर हसन, ग़ालिब और लाइफ़ एंड लेटर्स, जिनके लेखक राल्फ रसल और खुर्शीद उल-इस्लाम हैं तथा रुसवा का उपन्यास उमराव जान अदा।


फ्रांसीसी में अनूदित गौरवग्रंथ


बाङ्ला से : रवीन्द्रनाथ ठाकुर कृत बलाका (कविताएँ), गोरा (उपन्यास) तथा भिखारिणी तथा अन्य कहानियाँ और विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय कृत पथेर पंचाली (उपन्यास)।


मराठी से : तुकाराम की चुनी हुई रचनाएँ सलेक्सन फ्रॉम तुकाराम।


तमिऴ से : शिलप्पदिकारम (प्राचीन गौरवग्रंथ)।