मुलाकात
यह विभिन्न भाषाओं के उन युवा लेखकों के लिए एक विशेष मंच है, जिन्हें अपनी साहित्यिक क्षमता दिखाने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सर्जनात्मक कृतियों से वाचन, व्याख्यान एवं विचार-विमर्श सम्मिलित हैं। :
- 26 नवंबर 1996 को हुए प्रथम कार्यक्रम में श्री उदय प्रकाश, श्री एन. एस. माधवन और सुश्री गीता हरिहरन ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 22 मार्च 1997 को उर्दू के तीन हस्ताक्षरों—शीन काफ़ निज़ाम, सैयद मोहम्मद अशरफ़ और तरन्नुम रियाज़् ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
- 7 मई 1997 को तीन हिन्दी कवियों—वीरेन डंगवाल, देवीप्रसाद मिश्र और प्रमोद कौंसवाल ने अपना कविता-पाठ नई दिल्ली में प्रस्तुत किया।
- 20 अगस्त 1997 को क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता में मुलाक़ात श्रंखला के प्रथम कार्यक्रम में स्वातंत्र्योत्तर युग के तीन बाङ्ला कथाकारों—भागीरथ मिश्र, नलिनी बेहेरा और सुब्रत मुखोपाध्याय ने भाग लिया।
- 23 सितंबर 1998 को तीन कवियों—कुमार अंबुज, बोधिसत्व और नीलेश रघुवंशी ने नई दिल्ली में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 13 सितंबर 1999 को आयोजित काव्य-संध्या में श्री अनुपम कुमार, श्री निलिन कुमार और श्री अनुभव तुलसी ने नई दिल्ली में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 17 अक्तूबर 1999 को युवा सिन्धी कवियों ने रायपुर में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 29 नवंबर 1999 को चार कवियों—शरतचंद्र शिनॉय, बस्ती वामन शिनॉय, जोसी पिण्टो और नूतन सकरडंडे ने कुमरा में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 18 जून 2000 को चेन्नई में मेजर षण्मुगम, फ्रीनिक्स, एम. स्वामीनाथन, एम. मुरुकेश, आर. सतीश शंकर, युवाभारती, नेडुचेषिश्यन, सा. कंदास्वामी, जयकांतन और बीर मोहम्मद ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 20 सितंबर 2000 को त्रिपुरा में सी. आर. रवीन्द्रन, पवन्नन, वी. टी. सुब्रह्मण्यन, मगुदेश्वरन, सूर्याभारती, कोवै सदाशिवम्, भारतीवासन, दिलीप कुमार, मोहन, शुभ्रा भारती मणियन् और सिर्पी बालसुब्रह्मण्यम् ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 9 नवंबर 2000 को नई दिल्ली में मोहनदास नैमिषराय और श्यौराज सिंह बेचैन ने अपनी कहानियाँ प्रस्तुत कीं।
- 10 अप्रैल 2001 को चार युवा ओड़िया लेखकों गौतमबुद्ध दास, रक्षक कुमार नायक, पुरुषोतम मिश्र और श्रीप्रसाद मोहांती ने अपनी कविताएँ और कहानियाँ सोनपुर, ओड़िशा में प्रस्तुत कीं।
- 25 मई 2001 को पाँच युवा मणिपुरी कवियों—रघु लईशांगथेम, आर. के. भुवनस्ना सिंह, अराबम ओंगबी, मेमचोबी देवी और शरतचन्द्र थियम ने इंफ़ाल में अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 6 जुलाई 2001 को श्रीनगर में मुश्ताक़ अहमद मुश्ताक़, महफ़ूजा जान, सतीश विमल और बशर बशीर ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 13 अगस्त 2001 को नई दिल्ली में अमितेश माइती, विश्वास रायचौधुरी और सुतपा सेनगुप्ता ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 24 अक्तूबर 2001 को अहमदाबाद में उषा उपाध्याय और अनिल व्यास ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 21 मार्च 2002 को जम्मू में विजय वर्मा, नरेन्द्र सिंह चिब, विजय शर्मा, बिशन सिंह दर्दी, दीपक डोगरा और नसीब सिंह मानस ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 23 मई 2002 को कोलकाता में अंडमान से आए हिन्दी लेखकों—रोशन आरा दिलबर और व्यासमणि त्रिपाठी ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 26 मई 2002 को मुंबई में ज्योत्स्ना मिलन और सुनीता बुद्धिराजा ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 31 मई 2002 को बेंगळूरु में रोशन आरा दिलबर और व्यासमणि त्रिपाठी ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 7 सितंबर 2002 को छह युवा बाङला लेखकों सुमित दास, विश्वरंजन बारुई, विभा हालदार, मित्र मुखोपाध्याय, शिल्पी समद्दार और स्वप्न कुमार विश्वास ने अपनी कहानियाँ एवं कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 6-7 फ़रवरी 2003 को द्वि-दिवसीय अस्मिता/मुलाक़ात कार्यक्रम बेंगळूरु में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में निम्नलिखित प्रतिभागियों ने भाग लिया—भागीरथी हेगड़े, पद्मा गुरुराज, हनुमाक्षी गोगी, वसुमति उडुपा, गीता नागभूषण, सरोजिनी चावलकर, गंगा पाडेकल, बी.टी. ललिता नाइक, कुलशेखरी और तुलसी वेणुगोपाल।
- 8 जुलाई 2003 को कोलकाता में प्रीतिधारा सामल, देवप्रसाद दास, मनोज मेहर और कृपासागर साहू ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 7 सितंबर 2003 को बेंगळूरु में कन्नड लेखकों केशव मलागी और विद्या कुंदरागी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 22 अक्तूबर 2003 को नई दिल्ली में हिन्दी युवा कवियों मदन कश्यप, नवल शुक्ल और इला कुमार ने अपनी कविताओं का पाठ किया।
- 29 नवंबर 2003 को कुंबाकोनम में वियाकुलन, लक्ष्मीकुमारन, ज्ञानदिरावियम, अदलारसन, नक्षत्रियन, रवि सुब्रमणियन, सी. एम. मुथु और आर. इलंगोवन ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 30 नवंबर 2003 को पुडुकोट्टै में श्रीजीवी वसंतकुमारन, तिरुवल्लुवन, थंगम मूर्ति, रमा रामनाथन, थानिकोडि और नीला ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 10 फ़रवरी 2004 को नई दिल्ली में विमल कुमार, निलय उपाध्याय और रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति ने अपनी हिन्दी कविताओं का पाठ किया।
- 4 सितंबर 2004 को भोपाल में प्रेम प्रकाश और महेश नेनवाणी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 16 सिंतबर 2004 को नई दिल्ली में बद्री नारायण, आर. चेतन क्रान्ति और यतीन्द्र मिश्र ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 26 सितंबर 2004 को कोलकाता में अमरनाथ झा ‘भारती’, विनय भूषण और दिलीप कुमार झा ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 23 नवंबर 2004 को तिरुवनंतपुरम में थॉमस जोसेफ़, लक्ष्मी राजीव और यूमा वासुकी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 5 जनवरी 2005 को जम्मू में जितेन्द्र उधमपुरी, शिव देव सुशील और चमन अरोड़ा ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 18 जुलाई 2005 को अमृतसर में एस. पी. सिंह और हरभजन सिंह भाटिया ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 28 अगस्त 2005 को मंगलौर में नूतन साखरडंडे और एच. जे. गोवेस ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 12 दिसंबर 2005 को कोलकाता में विश्वनाथ टुडू और आदित्य कुमार मांडी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 15 जनवरी 2006 को बालासोर, ओड़िसा में अरुण खीला, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, पवित्र पाणिग्रही, सरोजिनी साहू और निवारण जीना ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 25 अप्रैल 2006 को नई दिल्ली में दुर्गा प्रसाद पाण्डा, कुमार विक्रम और बिरने मेनडोनका ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 18 मई 2006 को नई दिल्ली में मैथिली लेखकों के साथ मुलाक़ात कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- 4 जून 2006 को जोधपुर में श्रीचंद दूबे और हरीश करमचंद ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 27 जून 2006 को कोलकाता में बोडो कवियों एवं कहानीकारों—अरबिन्द उज़ीर, अंजु बसुमतारी, भूपेन्द्र नारायण बसुमतारी, रमाकान्त बसुमतारी और धीरजुज्योति बोरो ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 30 जुलाई 2006 को डूंगरगढ़, राजस्थान में राजस्थानी लेखकों—प्रमोद शर्मा, पूरन शर्मा पूरन, रवि पुरोहित और भविष्यदत्त ‘भविष्य’ ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 4 अक्तूबर 2006 को बांदा में पंकज करूलकर ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 16 दिसंबर 2006 को मुंबई में नूर पारकर, साजिद रशीद और अनवर क़मर ने उर्दू-कहानी-पाठ प्रस्तुत किया।
- 7 जुलाई 2007 को मुंबई में नूर-उल-हसनैन और महमूद अयूबी ने कहानी-पाठ प्रस्तुत किया।
- 11 अगस्त 2007 को मुंबई में मनोज रूपा और मनहर चौहान ने कहानी-पाठ प्रस्तुत किया।
- 18 नवंबर 2007 को पूर्णिया में तीन युवा मैथिली कवियों शिव कुमार, नीरव कुशेश्वर कश्यप और दिलीप कुमार झा ‘लूटन’ ने कविता-पाठ प्रस्तुत किया।
- 27 नवंबर 2007 को कालीकट में मलयाळम् कवियों अरशद बाट्टेरी, आर. उन्नी, संतोष इचिकनम, ताजुना भट्टातिरिपद और वीरन कुट्टि ने कविता-पाठ प्रस्तुत किया।
- 16 अप्रैल 2008 को नई दिल्ली में एकांत श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश शुक्ल तथा हरीश चंद्र पांडे ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 19 जुलाई 2008 को सिलिगुढ़ी में सुमन बनत्रा, भीम थातल, सुधीर छेत्री, ज्ञान सूत्र तथा जयंत शर्मा ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 22 जुलाई 2008 को नई दिल्ली में वाजदा ख़ान, अंजना बक्शी तथा रश्मि भार्गव ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
- 26 अप्रैल 2009 को मुंबई में हितेन आनंदपारा, शक़ुंतला भराने, प्रशांत मोरे तथा दयालखी जशनानी ने अपनी रचनाओं का पाठ प्रस्तुत किया।
- 9 जुलाई 2009 को भुवनेश्वर में अखिल नायक, अनिल कुमार पाधी, आशीष गडनायक, प्रीतिधर सामल, सुशांत जेना, सुशांत कुमार नायक, स्वप्न मिश्र तथा तपन कुमार महापात्र ने रचना-पाठ प्रस्तुत किया।
- 29 अगस्त 2009 को बांकुरा (पश्चिम बंगाल) में जदुमणि बेश्रा, श्याम चरण टुडु, सुरेन्द्रनाथ हेमब्रम, संदीप कुमार हेमब्रम, सुधीर कुमार मरांडी तथा सुनील कुमार बसके ने रचना-पाठ प्रस्तुत किया।
- 8 सितंबर 2009 को असम में सुरनाथ नाजर्शरी, ब्रजेन्द्र कुमार ब्रह्म, हरिभूषण ब्रह्म, ज़ैड.डी. बसुमतारी तथा प्रमिला नाजर्शरी ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 12 फ़रवरी 2010 को इंफ़ाल में पी. बिनोदनी देवी, एन.देवी, इमोजीत निङगोमबम, धनजीत थोङगम, बुद्धिचंद्र हेइसनामबा, सुभाष चंद्र याइखोमबा, हाओबिजम चानु प्रेमा तथा अङगोम सरिता ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 20 मार्च 2010 को जम्मू में वीणा गुप्ता, निर्मल विक्रम, सुरजीत होश बदसाली, खजूर सिंह, सुनील शर्मा तथा जोगिन्दर पाल जिन्दर ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 30 मई 2010 को चेन्नई में मालती मैत्री, तमाराय, आई. सुहीरथरानी, शक्ति ज्योति तथा कृष्णाग्नि ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 10 जून 2010 को नान्देड़ में मराठी कवियों—इंद्रजीत भालेराव, राजेन्द्र गनोरकर, जगदीश कदम तथा भारत काले (कहानी-लेखक) ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात कवि, कथाकार तथा समालोचक टी.एस. कुलकर्णी ने की।
- 24 जुलाई 2010 को अहमदाबाद में गुजराती कवियों—हेमंग देसाई, छाया त्रिवेदी तथा भावेश भट्ट और कहानी-लेखक दीवान ठाकुर एवं पन्ना त्रिवेदी ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 7 अगस्त 2010 को औरंगाबाद में मराठी कवियों—गणेश आवटे, आसाराम लोमटे, केशव देशमुख तथा अभय ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
- 25 मार्च 2011 को मुंबई में मुकेश जोशी, एनसी पलदका, आई. दास तथा ब्रजेश ईश्वरलाल सोलंकी ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 18 जुलाई 2011 को धारवाड़ में निर्मला शेट्टर, चित्र बेविनागिदादा, आई. ज्ञानपति, सुंदर मुरुगन, रंगनाथ रामचंद्र राव, वेमपल्ली गंगाधर, बी. हरिदास तथा सलीम कुमार ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 20 जुलाई 2011 को भुवनेश्वर में के. श्यामबाबू डोरा, प्रदीप नायक, रंजन प्रधान, संजय मिश्र, शक्ति मोहांती तथा शर्मिष्ठा साहु ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 18 अगस्त 2011 को नई दिल्ली में युवा हिन्दी लेखक अजय नावरिया तथा मनीषा कुलश्रेष्ठ ने कहानी-पाठ प्रस्तुत किया।
- 4 सितंबर 2011 को दुर्गापुर में युवा संताली लेखकों ने अपनी रचनाओं का पाठ प्रस्तुत किया।
- 23 सितंबर 2011 को इंफ़ाल में माया नेप्रम, राकेश नाओरेम, सागोलसेम मुहिन्द्रो, चोङथाम दीपू, कीर्तिमणि खतिवारा तथा आर.के. सनाहानबी चानू ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 18 अक्तूबर 2011 को कर्बी अङलौंग, असम में गोपीनाथ ब्रह्म, प्रणब ज्योति नाजर्शरी, प्रेमानंद मोसाहारी, अरबिन्दो उज़ीर, नंदेश्वर दैमारी तथा प्रोमतेश बसुमतारी ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
- 16 दिसंबर 2011 को अहमदाबाद में पीयूष ठक्कर, फ़ारूक़ शाह, दीवान ठाकुर, नवनीत जानी तथा कीरत दूधहाट ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
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अद्यतन : 11.12.2024
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