संगोष्ठियाँ
साहित्य अकादेमी साहित्यिक संवाद, प्रकाशन और उसका देशभर में प्रसार करने वाली केन्द्रीय संस्था है तथा सिर्फ यही ऐसी संस्था है, जोकि भारत की चौबीस भाषाओं, जिसमें अंग्रेजी भी सम्मिलित है, में साहित्यिक क्रिया-कलापों का पोषण करती है।
अपने साठ वर्षों से अधिक गतिशील अस्तित्व द्वारा इसने अपने निरंतर प्रयासों से सुरुचिपूर्ण साहित्य तथा प़ढने की स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित किया है; इसने संगोष्ठियों, व्याख्यानों, परिसंवादों, परिचर्चाओं, वाचन एवं प्रस्तुतियों द्वारा विभिन्न भाषिक और साहित्यिक क्षेत्रों में अंतरंग संवाद को जीवंत बनाए रखा है; कार्यशालाओं तथा वैयक्तिक अनुबंधों द्वारा पारस्परिक अनुवादों की गति को तीव्र किया है; पत्रिकाओं, विनिबंधों, हर विधा के वैयक्तिक सृजनात्मक रचना संचयनों, विश्वकोशों, शब्दकोशों, ग्रंथ-सूचियों, भारतीय लेखक परिचय-कोश और साहित्येतिहास के प्रकाशन द्वारा एक गंभीर साहित्यिक संस्कृति का विकास किया है।
अकादेमी ने अब तक चार हजार दो सौ से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित की हैं, अकादेमी हर तीस घंटे में एक पुस्तक का प्रकाशन कर रही है। प्रत्येक वर्ष अकादेमी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कम से कम तीस संगोष्ठियों का आयोजन करती है। इसके अलावा आयोजित होनेवाली कार्यशालाओं और साहित्यिक सभाओं की संख्या प्रतिवर्ष लगभग तीन सौ है।
नियमित अंतरालों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाता है जिनमें विदेशी विद्वानों को भी आमंत्रित किया जाता है। हाल के वर्षों में ‘नैरेटिव्स’, ‘इंडोलॉजी ऐट क्रॉसरोड्स’, ‘रामायण परंपरा’ तथा ‘मिर्जा ग़ालिब की दुनिया’, जैसे विषयों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। समय-समय पर समकालीन लेखकों तथा विषयों पर परिसंवादों का आयोजन तथा विधाओं पर आधारित कार्यशालाओं एवं अंतर्भाषिक अनुवाद कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाता है। हाल ही में अकादेमी ने जातिय एवं लोक साहित्य तथा पददलित वर्गों के नव साहित्य के कार्यक्रमों के आयोजनों पर विशेष बल दिया है, जिससे हमारे कार्यक्रम और अधिक लोकतांत्रिक तथा लोकप्रिय मुद्दों को साझा करने में कारगर सिद्ध हुए हैं। हम अपने कार्यक्रमों एवं गतिविधियों को देश के भीतरी हिस्सों में ले जाने का भी प्रयास कर रहे हैं। संगोष्ठियों, परिसंवादों तथा कार्यशालाओं के अतिरिक्त अकादेमी द्वारा आयोजित किए जाने वाले अन्य कार्यक्रम हैं – लेखक से भेंट, संवाद, कविसंधि, कथासंधि, व्यक्ति और कृति, मेरे झरोखे से, मुलाक़ात, अस्मिता, अंतराल, आविष्कार, लोक : विविध स्वर, संगोष्ठियाँ, संवत्सर व्याख्यान, साहित्यिक अनुवादों पर कार्यशालाएँ, लेखक को यात्रा अनुदान, सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम आदि;
प्रत्येक वर्ष लेखकों, पाठों, प्रवृत्तियों, आंदोलनों तथा साहित्य के सैद्धांतिक आयामों पर 30 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है। समस्त 24 भाषाओं में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
अब कई विषयों पर संगोष्ठियों का आयोजन किया जा चुका है जैसे – स्वातंत्र्योत्तर भारतीय कविता, भारतीय कथासाहित्य के 50 वर्ष, स्वतंत्रता एवं लेखक, कन्नड़ तथा भक्ति साहित्य, भर्तृहरि तथा विटगेंस्टाइन, वाचिक परंपरा, देशज वाचिक वृत्तांत विधाएँ, भारतीय साहित्य में देशीयता, भारतीय संस्कृति के मूलभूत सिद्धांत आदि।
कई महान लेखकों की जन्मशतवार्षिकी के अवसरों पर भी संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है जैसे – रवींद्रनाथ ठाकुर की 125वीं जन्मशतवार्षिकी, टी.एस. इलियट की जन्मशतवार्षिकी आदि।
अकादेमी के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है – संगोष्ठियों का आयोजन, जो स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय हो सकती हैं। इससे लेखकों और विद्वानों को एक मंच मिलता है। अकादेमी द्वारा आयोजित कुछ महत्वपूर्ण संगोष्ठियाँ हैं :
- 1961 • रवीन्द्रनाथ ठाकुर जन्म शताब्दी के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1964 • महान अंग्रेज़ी कवि शेक्सपीयर की चतुश्शती के अवसर पर संगोष्ठी
- 1969 • गुरु नानक पंचशती के अवसर पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगोष्ठियाँ
- 1970 • ब्लादीमीर इलिच लेनिन की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगोष्ठियाँ
- 1972 • श्री अरविंद की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगोष्ठियाँ
- 1975 • तुलसीदास के रामचरितमानस की चतुश्शती के अनुषंग स्वरूप ‘रामायण ट्रेडिशन एन एशिया’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1981 • ‘वैरिएशंस इन रामायण इन एशिया’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1981 • प्रेमचंद जन्मशती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1981 • सुब्रह्मण्यम भारती की जन्मशती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगोष्ठियाँ
- 1985 • सर्जनात्मकता और परिवेश’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1986 • ‘अंग्रेज़ी और अंग्रेज़ी अनुवाद में भारतीय साहित्य’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1986 • रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 125 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1986 • महामहोपाध्याय गोपीनाथ कविराज की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1986 • मैथिलीशरण गुप्त की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1987 • ‘महाभारत’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • ‘तकनीकी युग में लेखक और पाठक’ विषय पर संगोष्ठी
- 1988 • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • महजूर की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • जयशंकर प्रसाद की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • के. एम. मुंशी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • स्वामी विवेकानंद की 125 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1988 • नामक्कल रामलिंगम पिळ्ळै की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • ‘स्वतंत्रता और लेखक’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • माखनलाल चतुर्वेदी की जन्म-शतवार्षिकी के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • टी.एस. एलियट की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • ‘पूर्वी भारतीय भाषाओं में रामायण’ विषय पर संगोष्ठी
- 1989 • एस. राधाकृष्णन की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • वृंदावनलाल वर्मा की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1989 • ‘शंकराचार्य: जीवन और उनका योगदान’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1990 • रोमां रोलां पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1990 • रामनरेश त्रिपाठी की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1990 • ‘पूर्वी भारतीय भाषाओं में लोकसाहित्य’ विषय पर संगोष्ठी
- 1990 • ‘ज्ञानेश्वरी और भक्ति आंदोलन’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1990 • भारतीदासन की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1990 • ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ विषय पर संगोष्ठी
- 1990 • मीराबाई पर संगोष्ठी
- 1991 • राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह पर संगोष्ठी
- 1991 • गीति काव्य पर संगोष्ठी
- 1991 • रमणलाल और धूमकेतु पर संगोष्ठी
- 1991 • ‘भारतीय और पाश्चात्य काव्यशास्त्रा व्यवहार में’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1991 • शंकरदेव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1991 • ‘भारतीय अंग्रेज़ी के सर्जनात्मक पक्ष’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1991 • ‘भारतीय साहित्य शती-समाप्ति मूल्यांकन’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1991 • ‘भारत के बारे में रवीन्द्रनाथ की दृष्टि: वर्तमान संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता’ विषय पर संगोष्ठी
- 1991 • बी. आर. आंबेडकर पर संगोष्ठी
- 1991 • आचार्य चतुरसेन शास्त्री पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- 1991 • ‘समकालीन भारतीय और फ्रांसीसी उपन्यास’ विषय पर संगोष्ठी
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अद्यतन : 21.12.2024
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