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लेखकों को यात्रा अनुदान


सामान्य लक्ष्य और शर्तें
  1. यात्रा अनुदान का प्रमुख लक्ष्य है - एक लेखक को दूसरे भाषाई क्षेत्र के निकट लाना, जिससे वह क्षेत्र के रचनाकारों और लोगों से परिचित हो सके और अपनी जानकारी और चेतना को विस्तार दे सके। यह योजना लेखक को उसके क्षेत्र के अलावा साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए भी यात्रा की अनुमति प्रदान करती है।

  2. यात्रा अनुदान प्राप्त करनेवाले लेखकों की उम्र 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

  3. प्रत्येक भाषा परामर्श मंडल द्वारा लेखकों की सूची तैयार की जाएगी। अकादेमी द्वारा मान्यता प्रदत्त भाषाओं के अलावा, किसी अन्य भाषा के लेखक का चयन साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष कर सकते हैं।

  4. यात्रा अनुदान के कोष को क्षेत्रीय सचिवों के पास रखा जाएगा। इस योजना के तहत कुछ धन प्रधान कार्यालय में रखा जाएगा, ताकि उन भाषाओं से संबंधित खर्च वहन किया जा सके, जो प्रधान कार्यालय की देख-रेख में हैं।

  5. लेखकों को यात्रा अनुदान देने का निर्णय सचिव/क्षेत्रीय सचिव करेगा। ऐसा करते वक़्त वह भाषा परामर्श मंडल के द्वारा तय किए गए वरीयता क्रम और अपने पास उपलब्ध धन को भी मद्देनज़र रखेगा। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना का लाभ उन भाषाओं के लेखकों को समान रूप से मिले, जो उसके जि़म्मे हैं, हालाँकि वह उनकी यात्रा योजनाओं और यात्रा के लिए उनकी सहमति पर निर्भर करेगा।

  6. इस योजना के तहत लेखकों को अकादेमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु भी अनुदान दिया जाता है। नियम (3) के अंतर्गत भी उन लेखकों को पात्र होना चाहिए। क्षेत्रीय सचिव प्रधान कार्यालय के संपर्क में रहेगा और परामर्श मंडल द्वारा तैयार की गई सूची से नामों को अनुमोदित करेगा।

  7. यदि किसी रचनाकार को यात्रा अनुदान के लिए आमंत्रित किया जाता है और वह इस सुविधा का लाभ उठाना चाहता है तो उसे संबंधित क्षेत्रीय सचिव के कार्यालय में (और यदि वह राजस्थानी, हिन्दी, डोगरी, कश्मीरी, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत, संताली, पंजाबी या मैथिली का लेखक हो तो उसे अकादेमी के सचिव को) प्रपत्र 'ए' में दिए गए स्वीकृति पत्र को प्रपत्र 'बी' में दी गई यात्रा योजना के साथ भेजना होगा।

  8. कुल अनुदान की 70 प्रतिशत राशि अग्रिम रूप में देने का नियम है। यदि रचनाकार को अग्रिम राशि चाहिए तो उसे अपने स्वीकृति-पत्र तथा यात्रा-योजना के साथ इसकी सूचना देनी होगी। अपनी यात्रा की समाप्ति के बाद उसे अधिक-से-अधिक एक माह के भीतर अंतिम बिल जमा करना होगा।

  9. यदि निर्धारित अवधि में यात्रा नहीं की जाती तो अधिकतम तीन माह के भीतर अग्रिम राशि अकादेमी को लौटानी होगी।

  10. अनुदानग्राही को अनुदान को अंशों में उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पूरे अनुदान को एक ही बार की यात्रा में खर्च करना होगा।

  11. यात्रा के लिए आरक्षण, आवास, स्थानीय और क्षेत्रीय यात्रा की सारी व्यवस्था अनुदानग्राही को स्वयं करनी होगी। इन सबकी जिम्मेवारी साहित्य अकादेमी की नहीं होगी।

  12. अनुदानग्राही के स्वास्थ्य और सुरक्षा तथा उसके सामान के रख-रखाव के लिए साहित्य अकादेमी जिम्मेवार नहीं होगी।

  13. जहाँ संभव होगा, अकादेमी उस क्षेत्र की मान्यता प्राप्त साहित्यिक संस्थाओं और पुस्तकालयों को अनुदानग्राही की यात्रा के बारे में सूचित करेगी और उनसे अनुरोध करेगी कि अपना सहयोग लेखक को दें, जिससे यात्रा लाभप्रद बन सके।

  14. अनुदानग्राही से यह अपेक्षा की जाती है कि अपनी यात्रा के दौरान, जहाँ वह व्याख्यान दे या अन्य साहित्यिक गतिविधियों में भाग ले, साहित्य अकादेमी और उसके महत्तर लक्ष्यों और कार्यों की एक सुंदर छवि प्रस्तुत करे।

  15. अनुदानग्राही को अंग्रेजी या हिन्दी में अपने को भली-भाँति अभिव्यक्त कर पाने में समक्ष होना चाहिए। यात्रा पूरी होने के बाद, अनुदानग्राही यात्रा की एक औपचारिक रपट साहित्य अकादेमी को प्रस्तुत करेगा, जिसमें उन व्यक्तियों तथा संस्थाओं का जिक्र होना चाहिए, जिससे वह मिला तथा जहाँ उसने भ्रमण किया। उसे अपनी यात्रा के अनुभवों को भी रिपोर्ट में स्थान देना चाहिए।

  16. कोई रचनाकार, जिसने साहित्य अकादेमी से यात्रा अनुदान प्राप्त किया है, किसी अन्य स्रोत से यात्रा भत्ता या यात्रा व्यय प्राप्त नहीं करेगा।

  17. यात्रा की योजना इस तरह बनानी चाहिए कि वह यात्रा अनुदान के लिए प्रदान की जानेवाली राशि 15,000/-रुपए (पंद्रह हज़ार रुपए मात्र) से अधिक न हो।

  18. कोई रचनाकार, जिसने एक बार अकादेमी से यात्रा अनुदान प्राप्त किया हो दोबारा यात्रा अनुदान प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा।